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Aristotle
शायद आपने Aristotle का ये कथन सुना होगा ,
मनुष्य एक सामजिक प्राणी है Man is a social animal
सच ही तो है ..
Step I - हम सभी किसी न किसी समाज का हिस्सा हैं , और अपनी life( जीवन ) normally( आम तौर पर ) जीने के लिए इस समाज के अन्य लोगों पर depend( निर्भर ) करते हैं और ये dependency( निर्भरता ) हर stage( अवस्था ) पे होती है , चाहे हम 5 साल के हों या पच्चीस साल के ..हमें अपना काम करने के लिए दूसरों की मदद की ज़रुरत पड़ती ही पड़ती है |
Step II - हम कोई भी हेल्प directly ( प्रत्यक्ष रूप से ) लेते हैं या indirectly.( परोक्ष रूप से. )
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Ex 1 - अगर आप एक अच्छी सी Job की तालाश में हैं और अपने किसी दोस्त से उसकी company में interview arrange( व्यवस्था करना ) कराने के लिए कहते हैं तो ये direct form( प्रत्यक्ष रूप ) of help( मदद ) हुई .
Ex 2 - एक दूसरे case( हालत ) में आप जानते हैं की आपके दोस्त के भैया किसी multinational( बहुराष्ट्रीय ) company में काम करते हैं और आप उस दोस्त से अपनी CV उसके भैया को forward( आगे ) करने को कहते हैं , तो ये एक indirect from ( अप्रत्यक्ष रूप ) of help हुई .
Step III - यानि अगर DOER (जो actually( वास्तव में ) आपका काम करता है ) आपसे directly related( सीधे जुड़े हुए ) है तो सीधे जुड़े हुए हुई , और अगर indirectly( परोक्ष ) related( संबंधित ) है तो indirect( अप्रत्यक्ष ) हुई |
Step IV - Definitely, help( निश्चित रूप से मदद ) लेने -देने से related ( संबंधित ) आपके बहुत सारे personal experiences ( व्यक्तिगत अनुभवों ) होंगे . पर ज्यादातर लोग agree( सहमत ) करेंगे कि बहुत बार वो कोई काम किसी से कहते हैं पर वो पूरा नहीं होता है .
Step V - Example देखें तो आपने किसी दोस्त से एक महीने पहले आपके लिए मकान ढूढने के लिए कहा पर उसने कोई effort( प्रयास ) नहीं किया . या ऊपर लिए हमसे directly related( सीधे जुड़े हुए ) नहीं होती हम उस पर अधिक ध्यान नहीं देते .
Step VII - इसलिए जब आप कोई काम किसी को देते हैं तो वो व्यक्ति sincerely( ईमानदारी से ) उस काम को करने में interest ( दिलचस्पी ) दिखता है पर कुछ ही समय बाद वो उसके mind( मन ) से गायब हो जाती है , and most of the time( और ज्यादातर समय ) वो जान –बूझ कर ऐसा नहीं करता ,वो तो बस अपने routine work( नियमित काम ) में मशगूल हो जाता है और आपका काम भूल जाता है.
Step VIII - तो क्या करें कि काम पूरा हो जाये या at least( कम से कम ) उसके होने के chances( संभावना ) बढ़ जाएं ?ये बिलकुल सीधा और आसान है – FOLLOW UP( अनुवर्ती कार्रवाई ) करें .
Step IX - यानि आपने जो काम सौंपा है उसके बारे में फिर से पूछें , doer( कर्ता ) को remind( याद दिलाना ) कराएं . और चाहे आप directly( सीधे help ले रहे हों या indirectly( परोक्ष रूप से ) दोनों ही cases( मामलों ) में काम पूरा हो इसके लिए follow- up( ऊपर का पालन ) ज़रूरी है.
Step X - जब आप अपनी help की request( अनुरोध ) के बाद कई दिनों तक follow up( ऊपर का पालन करें ) नहीं करते हैं , तो doer( कर्ता ) आपका काम भूल जाता है, या even (यहां तक कि ) अगर उसे याद रहता है तो भी वो ऐसा सोच सकता है कि may be( हो सकता है ) आपने येही request( अनुरोध ) और लोगों से भी की होगी और आपका काम हो चुका होगा .
Step XI - और जब आप follow up( ऊपर का पालन करें ) करते हैं तो वह सामने वाले के लिए सिर्फ एक reminder ( याद दिलाने ) ही नहीं होता , बल्कि वो आपकी sincerity( सच्चाई ) को भी दर्शाता है . और इस बात को emphasize( महत्त्व देना ) करता है कि आप उस व्यक्ति पर सचमुच बहुत depend( निर्भर ) कर रहे हैं , और तब वो थोडा serious( गंभीर ) हो जाता है , और आपके काम को importance( महत्व ) देने लगता है . और इससे एक और चीज होती है , अगर doer( कर्ता ) के सामने आपसे related( संबंधित ) कोई opportunity( opportunity ) आती है तो तुरंत उसका mind strike( मन हड़ताल ) करता है कि ये आपके लिए useful( उपयोगी ) हो सकत है , और वो आपको inform( सूचित करना,जताना ) कर देता है , वहीँ अगर आप touch( छूना ) में नहीं होते हैं तो opportunity( अवसर ) यूँही निकल जाती है .
Step XII- Help लेते समय किन बातों का ध्यान रखें |
1• Help तभी लें जब आपको genuinely( दिल खोलकर ) उसकी need( आवश्यकता ) हो .
2• Help लेते समय गंभीरता दिखाएं , low( कम ) sounding( लग रहा ) sentences( वाक्यों को ) ना कहें , जैसे कि , “ देखिएगा ,…हो जाये तो ठीक है ….” या फिर ….” और लोगों से भी कहा है …time मिले तो आप भी देख लीजियेगा ”,. Etc…ऐसा कहते ही आपको help मिलने के 95% chances ख़त्म हो जायेंगे .
3• ऐसे sentences( वाक्यों को ) का use करें , “ Please( कृपया ) पूरी कोशिश कीजियेगा , I really need your support( मुझे वास्तव में आपके सहयोग की जरूरत है )” या “ ये काम होना मेरे लिए बहुत ज़रूरी है , मैं हमेशा आपका आभारी रहूँगा ” ,etc
4• जिससे भी हेल्प ले रहे हों , उसे कम ना आंकें उसकी respect( सम्मान ) करें, हम अक्सर लोगों को उपरी तौर पर ही जानते हैं, किसके क्या कॉन्टेक्ट्स हैं , relations( संबंधों ) हैं ये बता पान मुश्किल होता है .
5• आप उस person( व्यक्ति ) की contact details( संपर्क जानकारी ) अच्छे से save कर लें , mobile no, email id, and most importantly( सबसे महत्वपूर्ण बात ) उसका नाम , कई बार लोग बस इसलिए follow up( ऊपर का पालन करें ) नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें बन्दे का नाम ही भूल जाता है .
6• यदि आप indirect help( अप्रत्यक्ष मदद ) ले रहे हैं तो भी आप DOER की contact details( संपर्क जानकारी ), etc ले लें ..
7• Indirect help( अप्रत्यक्ष मदद ) लेते वक़्त भी आप follow up( ऊपर का पालन करें ) के लिए अपने direct contact( सीधा संपर्क ) पर depend( निर्भर ) मत रहिये , खुद ही ये काम कीजिये . इससे दो फायदे होंगे , पहला आपका direct contact ( अप्रत्यक्ष मदद ) कोई burden( बोझ ) नहीं feel( महसूस करना ) करेगा ( remember s/he too is busy and you should respect his/her time)(एस याद / वह बहुत व्यस्त है और आप उसकी / उसके समय का सम्मान करना चाहिए और दूसरा DOER आपके काम को lightly( हलके से नहीं लेगा .
8• काम हो जाने पर न सिर्फ उस व्यक्ति को thanks( धन्यवाद ) करें जिसने काम कराया बल्कि उन सबको भी जिन्होंने आपके लिए try किया . और indirect help( अप्रत्यक्ष मदद ) के case ( हालत )में Doer और अपने Direct contact(सीधा संपर्क ) दोनों को thanks ( धन्यवाद )करना ना भूलें .
Follow up( ऊपर का पालन करें ) में किन बातों का ध्यान रखें ?
1• Directly phone( सीधे फोन ) करने से बेहतर होगा …पहले email करना , अगर जवाब न मिले तो sms करना , और अगर तब भी answer न आये तो phone करना . वैसे ये बहुत हद्द तक आपकी doer से कैसी रिलेशन है पर depend( निर्भर ) करेगा.
2• अपने काम के लिए रोज़ रोज़ न फॉलो अप करें , इससे व्यक्ति irritate( चिड़चिड़ाना ) हो सकता है , रोज़ रोज़ order( आदेश ) देने वाले follow up( ऊपर का पालन करें ) कर सकते हैं request( का अनुरोध ) करने वाले नहीं ! अगर urgency( अत्यावश्यकता ) बहुत अधिक न हो तो हफ्ते में एक बार would be enough( पर्याप्त होगा. ).
3• Follow up( ऊपर का पालन करें ) में बहुत अधिक gap( अन्तर ) भी न रखें at least once in 10 days( कम से कम 10 दिनों में एक बार ) ज़रूर remind( याद दिलाना )करें
4• Odd time( अजीब समय ) पर न disturb( परेशान ) करें , specially acquaintances( विशेष रूप से परिचितों ) को , बात करने से पहले पूछ लें कि क्या अभी बात करने का सही समय है ?
5• Doer को बात – बात में ये बता दें कि आप एक -आध हफ्ते में फिर से contact करेंगे , ऐसा करने से उसपर थोडा सा प्रेशर आएगा , and s/he may put some more efforts( और वह कुछ अधिक प्रयास में डाल सकता है ). साथ ही जब next time( अगली बार ) आप कॉल करेंगे तो उसे odd नहीं लगेगा.
6• धैर्य बनाये रखें. It takes time( यह समय लगता है. ).
Step XIII - Friends , human mind( दोस्तों, मानवीय दिमाग ) के दो part( हिस्सा ) में divide( विभाजित करना ) कर सकते हैं conscious(जाग्रत और sub-conscious( उप चेतन ). Conscious (जाग्रतको आप computer की Random Access Memory ( क्रमरहित याद करना )(RAM) कह सकते हैं और subconscious ( अवचेतन )को Hard disk (HD) (data storage device) . जब हम किसी को काम कहते हैं तो वो पहले RAM में जाता है और कुछ समय बाद HD में चला जाता है ….अगले कुछ दिन तक ऐसा चलता है आपका काम RAM से HD और HD से RAM में load होता रहता है …पर दो-तीन दिन बाद वो HD में ही रह जाता है और RAM तक नही पहुँच पाता …पर जैसे ही आप follow up( ऊपर का पालन करें ) करते हैं वो दुबारा RAM में आना शुरू हो जाता है …और अगर Doer से काम कराना है तो काम को RAM में लाना ही होगा …इसलिए बस इतना याद रखिये कि काम कराना है तो simply follow up( बस ऊपर का पालन करें ).
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